Saturday, February 26, 2011

हर घडी बदल रही है रुप जिन्दगी



हर घडी बदल रही है रुप जिन्दगी
छावो है कभी कभी है धुप जिन्दगी 
हर पल यहाँ जी भर जियो 
जो है समा कल हो ना हो 

चाहे जो तुम्हे पुरे दिल से, मिलता है वो मुस्किल से 
ऐसा जो कोइ कही है, बस वो ही सबसे हसी है 
उस हातको तुम थाम लो, जिसका निशान कल हो ना हो 
हर पल यहाँ जी भर जियो 
जो है समा कल हो ना हो 


पल्कोके लेके साये, पास कोइ जो आए 
लाख सम्हालो पागल दिलको, दिल धड्के ही जाए 
पर सोच लो इस पल है जो, वो दासता कल हो ना हो

हर घडी बदल रही है रुप जिन्दगी
छावो है कभी कभी है धुप जिन्दगी 
हर पल यहाँ जी भर जियो 
जो है समा कल हो ना हो 

Lyricist: Javed Akhtar

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